औलाद पाने के लिए 7 साल की बच्ची से की हैवानियत
रेप करने के बाद बच्ची को गला दबाकर मारा, पति–पत्नी ने खाया बच्ची का कलेजा
लखनऊ। जिला कानपुर में घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव में रहने वाले निसंतान दंपत्ति ने अपने भतीजे की मार्फत 7 साल की बच्ची की हत्या करा दी और उसका कलेजा निकालकर खा लिया। हत्या से पहले भतीजे से उसके साथ रेप किया और फिर गला दबाकर उसे मार डाला। पुलिस ने दंपत्ति समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना दीवाली की रात की है। भदरस गांव निवासी परशुराम की शादी 1999 में सुनैना से हुई थी। उनके कोई औलाद नहीं हुई। परशुराम ने किस किताब में पढ़ा कि बच्ची की बलि देकर उसका कलेजा खाने से औलाद पैदा हो सकती है। इस कारण उसने अपने भतीजे अंकुल को 500 रुपए देने का लालच देकर बलि के लिए तैयार कर लिया। एसपी देहात बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि भदरस गांव के एक शख्स की 7 साल की बेटी दिवाली की शाम गायब हो गई।
रविवार की सुबह काली मंदिर के पास कुछ लोगों को बच्ची का क्षत–विक्षत शव मिला। शरीर पर कपड़े नहीं थे। शव को देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा था कि किसी ने तंत्र–मंत्र के कारण वारदात को अंजाम दिया है। पड़ताल के दौरान पुलिस ने शक के आधार पर गांव के ही अंकुल और बीरन को हिरासत में ले लिया। सख्ती करने पर उन्होंने सच्चाई बयां कर दी। अंकुल ने बताया कि चाचा परशुराम ने हमें बताया था कि उसने एक किताब में पढ़ा है कि अगर किसी बच्ची का कलेजा (लिवर) वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर खाए तो संतान की प्राप्ति होगी। घटना को अंजाम देने के पहले अंकुल व बीरन ने शराब पी और फिर पड़ोस में ही रहने वाली बच्ची को पटाखा दिलाने के बहाने जंगल में ले गए। वहां उसके साथ जाकर उसके साथ दुष्कर्म करके गला दबाकर मारक डाला। बाद में पेट फाडक़र अंदर से सारे अंग निकाल लिए और परशुराम को ले जाकर दे दिए। अंकुल के मुताबिक, चाचा परशुराम ने चाची सुनैना ने बच्ची का कलेजा खाया और बाकी अंग कुत्ते को खिला दिए। एसपी ने बताया कि अंकुल व बीरन को जेल भेज दिया गया है। जबकि परशुराम व सुनैना से पूछताछ की जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेकर तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए थे।