रेपिस्ट राम रहीम को खट्टर सरकार ने दी थी एक दिन की पैरोल
300 सुरक्षा कर्मियों के साथ पहुंचा था अपनी बीमार मां से मिलने, मीडिया को भनक नहीं लगने दी सरकार और जेल प्रशासन ने
रोहतक। यहां की सुनारिया जेल में रेप व मर्डर मामले में 20 साल की सजा काट रहे रेपिस्ट व कातिल बाबा राम रहीम को हरियाणा की खट्टर सरकार ने चुपके से एक दिन की बेल दी थी। जिसके चलते वह 300 सुरक्षा कर्मियों के साथ 24 अक्टूबर को गुडग़ांव में अपनी बीमार मां से मिलने पहुंचा था। यह काम इतना गुपचुप तरीके से किया गया कि सरकार और जेल प्रशासन ने मीडिया तक को इसकी भनक नहीं लगने दी। 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति की हत्या के बाद परिजनों ने मामला दर्ज कराया था और बाद में यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था। इससे पहले 28 अगस्त 2017 में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने डेरे की दो पूर्व साध्वियों के साथ रेप के मामले में राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी।
राम रहीम 25 अगस्त 2017 से रोहतक जेल में बंद है। डेरे की पूर्व साध्वियों से दुष्कर्म और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में राम रहीम को दोषी करार दिया गया था। पैरोल मिलने का मामला सामने आने के बाद जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने इस पर कहा है कि बाबा को पैरोल नियमों के हिसाब से दी गई है। हालांकि, उसने पहले भी कई बार पैरोल के लिए अर्जी लगाई , लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली। रोहतक के एसपी राहुल शर्मा ने बताया कि उन्हें जेल सुपरिंटेंडेंट से राम रहीम के गुडग़ांव दौरे के लिए सुरक्षा व्यवस्था का निवेदन मिला था। 24 अक्टूबर को सुबह से लेकर शाम ढलने तक सुरक्षा उपलब्ध कराई थी। राम रहीम 24 अक्टूबर को शाम तक अपनी बीमार मां के साथ रहा। सूत्रों ने बताया कि हरियाणा पुलिस की तीन टुकड़ी उसकी सुरक्षा में तैनात थी। एक टुकड़ी में 80 से 100 जवान थे। यानी 250 से 300 जवानों की तैनाती की गई थी। डेरा चीफ को जेल से बख्तरबंद गाड़ी में लाया गया। गुडग़ांव में पुलिस ने अस्पताल के बेसमेंट में गाड़ी पार्क की। जिस फ्लोर में उसकी मां का इलाज चल रहा था, उसे पूरा खाली कराया गया था।