किसानों का हित ठेंगे पर : पक्ष–विपक्ष के ड्रामे में उलझकर रह गया विशेष सत्र का पहला दिन
बिल की कॉपी नहीं देने पर अकाली और आप विधायकों ने जमकर हंगामा काटा
चंडीगढ़ (राजकुमार साथी)। भले ही कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी इत्यादि राजनीतिक पार्टियां किसानों के समर्थन में खेती बिलों के खिलाफ आंदोलन करने के बड़े–बड़े दावे कर रही हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें इसकी जरा भी चिंता नहीं है। खेती बिलों को पंजाब में लागू नहीं करने के लिए प्रस्ताव पारित करने को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र का पहला दिन पक्ष–विपक्ष के ड्रामे में उलझकर रह गया। बिल की कॉपी नहीं मिलने पर अकाली दल व आप विधायकों ने विधानसभा के अंदर और पंजाब भवन के बाहर जमकर हंगामा किया। अकाली दल बादल के विक्रम मजीठिया ने अपने विधायकों के साथ कैप्टन और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि, कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि आज शाम पांच बजे तक सभी विधायकों को कॉपी दे दी जाएगी। लेकिन हंगामा बंद नहीं होता देख, सेशन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ सोमवार को सत्र के पहले दिन की शुरूआत हुई। इसके तुरंत साथ ही विपक्ष के नेताओं ने सदन में पंजाब सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बिल की कॉपी मांगी। विपक्षी विधायकों ने कृषि बिल को लेकर रणनीति के तहत सरकार को घेरने का प्रयास किया। किसान हितैषी होने के दावा करते हुए मजीठिया ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया और केंद्रीय कृषि कानून की कॉपियां फूंकी। उन्होंने सदन के अंदर भी धरना दिया। उधर, कांग्रेसी विधायकों ने किसानों के हित में कोई भी फैसला लेने का अधिकार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को दे रखा है।