हाथरस केस : कदम दर कदम हो रहा षडयंत्र
हाथरस के अस्पताल से खाली हाथ लौटी सीबीआई, नहीं मिली सीसीटीवी फुटेज
लखनऊ। हाथरस केस में जांच कर रही सीबीआई की टीम को जिले के अस्पताल से खाली हाथ लौटना पड़ा। टीम को वहां से किसी तरह की सीसीटीवी फुटेज नहीं मिली। जिससे हाथरस के जिला अस्पताल की भूमिका भी संदेह के दायरे में आ गई है ।
अस्पताल के मैनेजमेंट ने तर्क दिया कि जिला प्रशासन और पुलिस ने उस समय फुटेज नहीं लिए थे, जब विक्टिम को यहां इलाज के लिए लाया गया था। घटना के एक महीने बीत जाने के बाद अब सीसीटीवी फुटेज बैकअप में नहीं हैं। इस पर सीबीआई ने अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (सीएमएस) और डॉक्टरों को फटकार लगाई। ऐसे में अब संदेह के घेरे में हाथरस जिला अस्पताल के डॉक्टर भी हैं। दरअसल, पीडि़ता को उसके परिवार वालों ने 14 सितंबर को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था। यहां हालत गंभीर होने के चलते शुरुआती इलाज के बाद उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था।
सीबीआई जानना चाहती है कि पीडि़ता को भर्ती कराते समय कौन–कौन उसके साथ था? उसका इलाज किस डॉक्टर ने किया? पीडि़ता कितनी देर अस्पताल में रही? यहां उससे मिलने कौन–कौन आया और उसने कितने लोगों से बात की? फुटेज न मिलने पर सीबीआई अब सिर्फ बयानों के आधार सबूत जुटा रही है। हाथरस जिला अस्पताल के सीएमएस इंद्रवीर सिंह ने कहा कि हमारे कैमरे ठीक थे, लेकिन उनका बैकअप सिर्फ 7 दिन का है। सात दिन बाद पुराना डाटा डिलीट हो जाता है।